
3 महीने के लिए काम के घंटे को 8 घंटे से बढ़ कर 12 घंटे हुआ
लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था की सेहत सुधारने के लिए राज्यों के साथ मिलकर उद्योग जगत ने पहल शुरू कर दी है।ओडिशा तथा गोवा ने फैक्ट्री ऐक्ट 1948 के तहत श्रम कानूनों में ढील देते हुए 3 महीने के लिए कामकाज के घंटे को 8 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे कर दिया है। दोनों राज्यों ने कहा है कि मजदूरों को अतिरिक्त घंटों के लिए अलग से भुगतान किए जाएंगे। हालांकि, श्रमिक संगठनों ने कहा है कि वह राज्यों एवं उद्योग के इस कदम का विरोध करेगा।

महाराष्ट्र में प्रवासी मजदूरों के अपने घर लौटने से हुई मजदूरों की कमी को देखते हुए प्रदेश की सरकार ने बुधवार को एक अधिसूचना के जरिए अगले महीने के अंत तक के लिए कामकाज के घंटों के नियमों में ढील देने की घोषणा की। कामकाज के घंटे को 8 घंटे से बढ़ाकर अधिकतम 12 घंटे कर दिया गया है और अतिरिक्त घंटों के लिए मजदूरों को दोगुना भुगतान किया जाएगा।
कर्नाटक सरकार भी कुछ इसी तरह की योजना पर विचार कर रही है ।
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात हैं, जिन्होंने श्रम कानून में बदलाव किया है। सरकारें तो इसे अच्छा फैसला बता रही हैं, जो निवेश लाएगा, नौकरी देगा और अर्थव्यवस्था को रफ्तार देगा, लेकिन हर कोई इन तर्कों से सहमत नहीं दिख रहा।
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