
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देश के नाम संबोधन की मुख्य बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश को संबोधित किया। उनका संबोधन इस बार देश के आर्थिक विकास पर टिका रहा। पीएम मोदी ने बताया कि कैसे इस वक्त देश को इस संकट से कैसे उबारा जा सकता है। उन्होंने 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा भी की।

उन्होंने कहा, ‘ देशवासियों को आदर पूर्वक नमस्कार, कोरोना संक्रमण से मुकाबला करते हुए दुनिया को अब चार महीने से ज्यादा हो रहे हैं। इस दौरान तमाम देशों के 42 लाख से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं। पौने तीन लाख से ज्यादा लोगों की दुखद मृत्यु हुई है। भारत में भी लोगों ने अपने स्वजन खोए हैं। मैं सभी के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।
उन्होंने कहा, ‘ एक वायरस ने दुनिया को तहस-नहस कर दिया है। विश्व भर में करोड़ों जिंदगियां संकट का सामना कर रही हैं। सारी दुनिया, जिंदगी बचाने की जंग में जुटी है। हमने ऐसा संकट न देखा है, न ही सुना है। निश्चित तौर पर मानव जाति के लिए ये सब कुछ अकल्पनीय है, ये आपदा अभूतपूर्व है।’लेकिन थकना हारना टूटना बिखरना मानव को मंजूर नहीं है।
अपने संबंधन में उन्होंने कई बातें कहीं। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया को विश्वास होने लगा है कि भारत बहुत अच्छा कर सकता है, मानव जाति के कल्याण के लिए बहुत कुछ अच्छा दे सकता है।
प्रधानमंत्उन्होंने कहा, कि भारत पांच पिलर के सहारे आत्मनिर्भर बनेगा। पहला पिलर इकोनॉमी है। एक ऐसी इकॉनॉमी जो इंक्रीमेंटल चेंज नहीं बल्कि क्वांटम जंप (Quantum Jump) लाए। दूसरा पिलर है इंफ्रास्ट्रक्चर। एक ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर जो आधुनिक भारत की पहचान बने। तीसरा पिलर है हमारा सिस्टम। एक ऐसा सिस्टम जो बीती शताब्दी की रीति-नीति नहीं, बल्कि 21वीं सदी के सपनों को साकार करने वाली टेक्नोलॉजी वाली व्यवस्थाओं पर आधारित हो। चौथा पिलर है हमारी डेमोग्राफी यानी आबादी। दुनिया की सबसे बड़े लोकतंत्र में हमारी वाइब्रेंट डेमोग्राफी हमारी ताकत है। आत्मनिर्भर भारत के लिए हमारी ऊर्जा का स्रोत है। पांचवां पिलर है मांग। हमारी अर्थव्यवस्था में डिमांड और सप्लाई चेन का जो चक्र है, जो ताकत है, उसे पूरी क्षमता से इस्तेमाल किए जाने की जरूरत है।
इतनी बड़ी आपदा भारत के लिए एक संदेश लेकर आई है एक अवसर लेकर आई है।मैं उदाहरण देता हूं, जब कोरोना संकट शुरू हुआ तो भारत में एक भी पीपीई किट और एन95 मास्क का नाममात्र उत्पादन होता था। आज भारत में 2 लाख पीपीई और 2 लाख एन95 मास्क बनाए जा रहे हैं। यह हम इसलिए कर पाए क्योंकि भारत ने आपदा को अवसर में बदल दिया। भारत की यह दृष्टि आत्मनिर्भर भारत के लिए उतनी ही प्रभावी सिद्ध होने वाली है।
कोरोना संकट का सामना करते हुए मैं नए संकल्प के साथ विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा करता हूं। यह आत्मनिर्भर भारत अभियान की कड़ी के तौर पर काम करेगा। हाल में सरकार ने कोरोना संकट से जुड़ी जो आर्थिक घोषणाएं की थी, जो आरबीआई के फैसले थे और जो आज जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान हो रहा है तो यह करीब 20 लाख करोड़ रुपए का है। यह पैकेज भारत की जीडीपी का करीब 10 फीसदी है। इसके जरिए विभिन्न वर्गों को आर्थिक व्यवस्था के कड़ियों को 20 लाख करोड़ रुपए का संबल मिलेगा।
लॉकडाउन का चौथा चरण, लॉकडाउन 4, पूरी तरह नए रंग रूप वाला होगा। नए नियमों वाला होगा। राज्यों से हमें जो सुझाव मिल रहे हैं, उनके आधार पर लॉकडाउन 4 से जुड़ी जानकारी भी आपको 18 मई से पहले दी जाएगी।
भारत की आत्मनिर्भरता में विश्व के सुख शांति की चिंता होती है। जो संस्कृति जय जगत में विश्वास करती है, पूरे विश्व को परिवार मानती हो, जो अपने आस्था में पृथ्वी को मानती हो वह संस्कृति भारत भूमि जब आत्मनिर्भर बनती है तो उसे सुखी समृद्ध विश्व की कामना होती है।
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