
दिल्ली में 20 सालों में सबसे कम प्रदूषण
दिल्ली की हवा को साफ करने का जो काम तमाम सरकारी संस्थाएं नहीं कर सकीं, कोरोना ने उसे एक झटके में कर दिया। लॉकडाउन के बाद से राजधानी की हवा से न सिर्फ धूल और धुआं साफ हुआ बल्कि हानिकारक गैसें और रसायनों की मात्रा में भी खासी गिरावट आई है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ताजा रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है। वहीं, अमेरिकी अंतरिक्ष संस्था नासा ने उपग्रह चित्रों के हवाले से भारत में प्रदूषण की स्थिति 20 साल में सबसे कम होने की बात कही है।
सीपीसीबी की रिपोर्ट के मुताबिक लॉकडाउन के कारण दिल्ली की हवा में धूल और धुएं की मात्रा तो कम हुई ही है, हानिकारक गैसों की मात्रा में भारी कमी आई है। बेंजीन की मात्रा 47 फीसदी और सल्फर डाई आक्साइड की मात्रा में 19 फीसदी की कमी आई है।
प्रदूषक कण पीएम 10 की मात्रा में 50 फीसदी कमी आई है तो पीएम 2.5 की मात्रा हवा में 46 फीसदी घटी है। 56 फीसदी कमी आई नाइट्रोजन ऑक्साइड में तो 37 फीसदी कार्बन मोनो ऑक्साइड कम हुआ है।
तमाम प्रदूषकों की तुलना में सल्फर डाई आक्साइड की मात्रा में कमी आई है। इसके पीछे दिल्ली के आसपास स्थित बिजली संयंत्र कारण हो सकते हैं। टेरी की एक रिपोर्ट के मुताबिक यहां सल्फर डाई आक्साइड की 70 फीसदी मात्रा के लिए बिजली संयंत्र जिम्मेदार है।
लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही ज्यादातर वाहनों के संचालन पर पाबंदी लग गई है। इसके साथ ही उद्योग और निर्माण भी बंद हैं। होटल-रेस्टोरेंट जैसी जगहें भी बंद हैं। इसके चलते धूल, धुआं और तमाम प्रकार की गैसों से होने वाले प्रदूषण में कमी दर्ज की गई है।
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