
कोरोना वैक्सीन लेकर दुनिया भर की नज़र भारत पर !
भारत की गिनती जेनेरिक दवाओं और वैक्सीन के दुनिया में सबसे बड़े मैन्युफैक्चरर्स में होती है.
देश में वैक्सीन बनाने वाली आधा दर्जन से ज़्यादा बड़ी कंपनियां हैं. इसके अलावा कई छोटी कंपनियां भी वैक्सीन बनाती हैं. ये कंपनियां पोलियो, मैनिनजाइटिस, निमोनिया, रोटावायरस, बीसीजी. मीजल्स, मंप्स और रूबेला समेत दूसरी बीमारियों के लिए वैक्सीन बनाती हैं.

अब तक़रीबन आधा दर्जन भारतीय कंपनियां कोविड-19 के वायरस के लिए वैक्सीन विकसित करने में जुटी हुई हैं.
इन कंपनियों में से एक सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया है. वैक्सीन के डोज़ के उत्पादन और दुनिया भर में बिक्री के लिहाज़ से यह दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन कंपनी है.
53 साल पुरानी यह कंपनी हर साल 1.5 अरब डोज़ बनाती है. कंपनी के दो बड़े प्लांट पुणे में हैं. हालांकि, कंपनी के नीदरलैंड्स और चेक रिपब्लिक में भी छोटे प्लांट्स हैं. इस कंपनी में करीब 7,000 लोग काम करते हैं.
कंपनी 165 देशों को कोई 20 तरह की वैक्सीन की सप्लाई करती है. बनाई जाने वाली कुल वैक्सीन का क़रीब 80 फ़ीसदी हिस्सा निर्यात किया जाता है. इनकी क़ीमत औसतन 50 सेंट प्रति डोज़ होती है. इस तरह से यह दुनिया की कुछ सबसे सस्ती वैक्सीन बेचने वाली कंपनियों में है.
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