
कोरोना मरीज का दोबारा पॉजिटिव आना उसके ठीक होने की प्रक्रिया: डब्ल्यूएचओ
चीन से लेकर भारत तक में यह ट्रेंड देखा जा रहा है कि जो कोरोना मरीज ठीक हो चुके हैं वो दोबारा भी पॉजिटिव निकले हैं।

डब्ल्यूएचओ ने अपनी रिसर्च फाइंडिंग टीम के हवाले से बताया है कि यह जरूरी नहीं कि जो मरीज ठीक हो चुके हैं उनकी हर बार रिपोर्ट निगेटिव ही आए। दरअसल फेफड़े की मृत कोशिकाओं के कारण दोबारा पॉजिटिव रिपोर्ट की संभावना बनी रहती है। पर इसका मतलब यह नहीं कि मरीज री-इंफेक्टेट है। यह मरीज का रिकवरी फेज होता है। मरीजों का रिकवरी फेज है जिसमें मनुष्य का शरीर खुद ही उसकी सफाई करता है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि तमाम देशों में काफी संख्या में मरीजों की रिपोर्ट ठीक होने के बाद दोबारा पॉजिटिव आई है। यह खास चिंता की बात नहीं है। यह कोरोना का दूसरा फेज बिल्कुल नहीं है। अप्रैल में सबसे पहले दक्षिण कोरिया ने अपने यहां के सौ मरीजों की रिपोर्ट दी थी, जिसमें बताया गया था कि ठीक होने के बाद वो दोबारा पॉजिटिव निकले हैं। इसके बाद कई अन्य देशों में ऐसी बातें सामने आईं। पर अब स्पष्ट है कि इससे ज्यादा खतरा नहीं।
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