
भारत जहाँ होता है देश भक्त का अपमान देशद्रोही का सम्मान
अजीब देश है भारत और उससे अजीब है यहां के नेता इनको सिर्फ सत्ता की भूख है देश में लोग लड़े मरे इससे इन्हे कोई मतलब नहीं है । सत्ता पाने के लिए ये देशद्रोहियो के साथ सीना तान खड़े हो जाते है वोट के चक्कर में देशद्रोही को खुला छोड़ दिया जाता है ताकि वो देश की ऐसी तैसी कर सके और देशभक्त को तो तोड़ दिया जाता है क्योकि वो दुबारा देश की बात भी न कर सके और इस देश का मीडिया सी ग्रैड की फिल्मों जैसा है जिन्हे न्यूज़ में मसाला मारे के दिखना होता है ।

अभी कुछ महीने के अंदर देश के विश्वविद्यालयों में ऐसी घटनाएं घटी जिससे ये साबित होता है की अगर कोई देश भक्त है तो उसको ठोंक दिया जायेगा और अगर कोई देशद्रोही है तो उसको को वोट दिया जायेगा ।
अभी हाल ही में जेएनयू में भारत विरोधी नारे लगे हमारे देश के सैनिकों को गली दी गयी उसे अभिव्यक्ति की आज़ादी कह का कुछ मीडिया और नेताओं ने पूरा समर्थन किया उसे हीरो बना दिया कुछ नेता तो उनसे मिलने के लिए इतने तड़पते दिखे उतना तो भक्त भगवान से मिलने के लिए नहीं तड़पता और वहीं दूसरी एनआईटी श्रीनगर में तिरंगा फहराने और भारत माता की जय के नारे लगाने वालो को पीटा गया। इस बर्बरता के लिए किसी नेता का सुर नहीं बुलंद हुआ किसी नेता ने और मीडिया हाउस ने इतना शोर नहीं मचाया जितना कन्हैया और उमर खालिद को लेकर मचाया था अब अभिव्यक्ति की आज़ादी गयी तेल लेने देश से क्या लेनादेना देश के नेताओं को वोट से मीडिया को नोट से मतलब है ।
मुझे लगता है ये जो इस वक्त देश में हो रहा है इसको कुछ देश नेता करवा रहे है जिससे देश में अस्थिरता आ जाये और उन्हें राजनितिक रोटिया सेकने को मिले अगर इसको नहीं रोक गया तो भारत की स्थति भी सीरिया जैसी हो जाएगी ।
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