
कोरोना वायरस वैक्सीन का ट्रायल दूसरे फेज में अब बच्चों और बुजुर्गों को शामिल किया जायेगा
कोरोना वायरस के इलाज के लिए ब्रिटेन में जिस वैक्सीन का ट्रायल हो रहा है, वह अब दूसरे फेज में पहुंच गया है। इस फेज में वैक्सीन का ट्रायल इंसानों पर शुरू हो गया है।अगर यह ट्रायल सफल रहा तो हो सकता है कि इस साल के अंत तक हमें कोरोना से लड़ने वाली वैक्सीन मिल जाए।

पिछले महीने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के रिसर्चर ने वैक्सीन का प्रभाव और सुरक्षा की जांच करने के लिए एक हजार से अधिक वॉलनटिअर्स पर इसका ट्रायल किया था। वैज्ञानिकों ने शुक्रवार को घोषणा की कि अब उनकी प्लानिंग पूरे ब्रिटेन में बच्चों और बुजुर्गों समेत 10,260 लोगों पर इस वैक्सीन के ट्रायल की है।
दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता सेरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के चीफ एग्जिक्यूटिव अदार पूनावाला ने एक न्यूज वेबसाइट से कोविड-19 की वैक्सीन को तैयार होने में 2 साल का वक्त लगने की संभावना जताई है। उन्होंने कहा कि संभव है कि इस साल के आखिर तक भी वैक्सीन मिल जाए। उन्होंने कहा कि यह सब कुछ यूके की वैक्सीन ट्रायल पर निर्भर करता है जो अब दूसरे चरण में पहुंच चुका है।
पुणे स्थित एसआईआई इस वक्त यूके की ऑक्सफोर्ड, अमेरिका के कोडेजेनिक्स और ऑस्ट्रेलिया की बायोटेक फर्म थेमिस द्वारा विकसित की गई वैक्सीन कैंडिडेट्स पर काम कर रही है। पूनावाला ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन से सबसे ज्यादा उम्मीदें दिखाई है क्योंकि यह ट्रायल में सबसे आगे बताई जा रही है।
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