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गुरुग्राम या गोबरग्राम

गुरुग्राम या गुड़गांव इसको लगभग सभी लोग जानते है क्योकि यंहा बड़ी-बड़ी कम्पनिया और अच्छी नौकरिया उपलब्ध है | साइबर सिटी जो देखता उसे लगता हाँ कुछ तो विकास हुआ है लेकिन यह विकास सिर्फ बिल्डरों के द्वारा किया गया है | साइबर सिटी देखने पर लगता है ये गुरुग्राम है लेकिन वंही बड़ी मुश्किल…

वादा तेरा वादा, इस वादे पे मारा गया आम इंसान !

कांग्रेस के ज्यादातर वायदा जो अब होगा न्याय अभियान के तहत है वो पहले से ही हो रहा है जैसे 12वी तक की शिक्षा मुफ्त सरकारी स्कूल में , सरकारी अस्पताल में मुफ्त इलाज, रोजगार गारंटी (मनरेगा ), आज भी काम शुरू करने के लिए अनुमति की जरुरत नहीं होती, GST आज भी सरल है,…

कश्मीर में आतंकवाद कौन कितना जिम्मेदार !

कश्मीर में जो हालात है उसे देख कर लगता है , आखिर कौन लोग है जिनकी वजह से कश्मीर में आतंकवाद ज्यादा है | जहां तक मैंने कश्मीर के नेताओ और वंहा के अलगवादियो के बयान सुना है उसको सुन कर लगता है कश्मीर में आतंकवाद इन लोगो की वजह से ज्यादा है माना पकिस्तान…

दिवाली पर पटाखा जलाने की परम्परा बाजार की देन है |

इतिहास के पन्नों को खंगालने पर जवाब मिलता है कि दिवाली पर पटाखा जलाने का चलन बाजार की देन है। इसका भारतीय संस्कृति से कोई संबंध नहीं है। रामायण काल में भी राम के लौटने पर दीये जलाने का जिक्र तो होता है, लेकिन आतिशबाजी का कहीं कोई वर्णन नहीं मिलता है। इतिहास में पटाखे…

अंबेडकर पर राजनीति

14 अप्रैल 2016 का दिन ऐसा था मानो लोकसभा के चुनाव के प्रचार का आखिर दिन हो और मतदाताओं को लुभाने के लिए सभी राजनितिक पार्टियों ने एक-दूसरे पे जम कर हमला किया । सभी लोग अम्बेडकर को लेकर दलित जाति कार्ड खेल रहे थे ऐसा लग रहा था जैसे अम्बेडकर का जन्मदिन न हो…

भारत जहाँ होता है देश भक्त का अपमान देशद्रोही का सम्मान

अजीब देश है भारत और उससे अजीब है यहां के नेता इनको सिर्फ सत्ता की भूख है देश में लोग लड़े मरे इससे इन्हे कोई मतलब नहीं है । सत्ता पाने के लिए ये देशद्रोहियो के साथ सीना तान खड़े हो जाते है वोट के चक्कर में देशद्रोही को खुला छोड़ दिया जाता है ताकि…

भारत माता की जय ?

“भारत माता की जय” यह एक ऐसा शब्द है जिसको सुनने भर से हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों में एक नई ऊर्जा का संचार हो जाता था उस वक़्त भारत का हर व्यक्ति इस शब्द को सुन कर जोश से भर जाता था । “भारत माता की जय “आज भी ये शब्द देश के जवानों…

आज भगत सिंह दुखी है

आज भगत सिंह दुखी है क्योंकि उनकी तुलना चंद टुटपुंजिये नेताओ ने उन घटिया लोगो से कर दी जो देश को तोड़ने वालो और आतंवादियों का समर्थन करने वालो का साथ दे रहे है । उन्होंने कहा इस देश की खातिर हम तीनो ने अपनी जान दे दी क्या इसी दिन के लिए की वोट…

जेएनयू एक विश्वविद्यालय या विषविद्यालय

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय मुझे कोई विश्वविद्यालय न लग कर आतंकवादी प्रशिक्षण केंद्र ज्यादा लग रहा है । आजकल जैसी बयानबाजी जेएनयू की ओर से हमे देखने और सुनने को मिल रही है, उससे ये लग रहा है की इस विश्वविद्यालय में आतंकवादियो के रिस्तेदार ही पढ रहे हो । जो खा तो भारत का…

आरक्षण

आरक्षण का कानून बाबा साहेब भीम राओ आंबेडकर ने उस समय की स्थिति के हिसाब से बहुत सोच समझ कर समाज के कल्याण के लिये लिखा था इसमें मैं उनकी सोच पर कोई शक नही कर सकता । जैसा की हमने पढ़ा है की आरक्षण का कानून सिर्फ 10 साल के लिए था इससे ये…

हकीकत आज़ादी की।

हमारे देश को आज़ादी पाए 65 साल हो चुके है लेकिन जब भी मै अपने देश का इतिहास देखता हूँ तो मुझे वो कुछ अधुरा सा लगता है। क्या गाँधी जी और उनके विचारो के वजह से हमे आज़ादी मिली या फिर मेहनत किसी और की फल किसी और को आखिर क्या है हकीकत आज़ादी…

आम आदमी पानी-पानी

गर्मिया आते ही आम आदमी के  मन में एक बात ध्यान आती है, वो है पानी की किल्लत! उसे अपनी पिछली गर्मी याद आती है।  जब वो रात-रात भर पानी आने का इंतजार  करता था। रात को पानी नहीं आया तो सुबह काम पे जाने से पहले दिनभर के पानी का इंतजाम  करता था  और…